Tuesday, 11 October 2016

आपबीती

उस रात को मम्मी ने सिर पर हाथ फिराया और एक सफ़ेद बाल देखकर कहा, “बेटा अब तो कर ले शादी... और कब करेगा? अकेले बुढ़ापा काटना कठिन है.”

मैं कहना चाहता था कि यह सब मैं अच्छी तरह जानता हूँ... पर क्या करूँ? फिर सोचा, बेटे की ज़िद से ज्यादा दुःख उसकी बेबसी से होगा मम्मी को. इसलिए चुपचाप अपने bed पर जाकर रो लिया.


~ Prove That Gays Can Love Too.

आपबीती

उस रात को मम्मी ने सिर पर हाथ फिराया और एक सफ़ेद बाल देखकर कहा, “बेटा अब तो कर ले शादी... और कब करेगा? अकेले बुढ़ापा काटना कठिन है.”

मैं कहना चाहता था कि यह सब मैं अच्छी तरह जानता हूँ... पर क्या करूँ? फिर सोचा, बेटे की ज़िद से ज्यादा दुःख उसकी बेबसी से होगा मम्मी को. इसलिए चुपचाप अपने bed पर जाकर रो लिया.

~ Prove That Gays Can Love Too.