रक्षाबंधन के अवसर पर अगर भाई विवाहित है तो बहने भाई को राखी बांधने के साथ साथ भाभी को भी एक रेशमी धागा बांधती है ऐसा हमारे यहाँ प्रचलन है (हो सकता है आपमें से भी कईयों के यहाँ ऐसा रिवाज़ हो). इस रक्षाबंधन के अवसर पर मेरी दोनों बहनों की तरफ से कुछ ऐसा surprise मिला जो लोगों को थोड़ा अजीब लग सकता है पर मेरे लिए बड़ा ही सुखद रहा. इस बार दोनों मेरे लिए राखी लाने के साथ साथ 'उसके' लिए भी राखी वाले धागे लाई थीं. Mummy और Dady के सामने ही दोनों मुझे राखी बांधते बांधते कहने लगीं कि "उसको" राखी मैं दे दूंगा या "उसके" बदले की राखी मेरे ही बाँध दें! मेरे संकोंचवश चुप रहने पर दोनों ने वो धागे मेरी ही कलाई पर बांध दिए. Mummy और Dady ये सब होते हुए चुपचाप देखते रहे.
हालांकि घर में सबको मेरे relationship के बारे में पता है, पर इस बात को "normal" कैसे बनाया जाए इसमें निसंदेह मेरी बहने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं. "Coming Out" मेरे लिए कोई one off incident न होकर एक process है. मैं कभी भी एक दिन अचानक अपने परिवार को अपने बारे में बताकर सदमा नहीं देना चाहता था जो शायद रोने-धोने ओर लड़ाई-झगड़े का रूप ले लेता!. पर मैं ऐसा कर पाने में असफल होते होते ही बचा हूँ, और मुझे इस असफलता से बचाने का कुछ हद तक श्रेय मैं अपनी बहनों को देता हूँ जो हर बार बात को हंसी मजाक में ले जाते हुए मेरे parents के लिए सच्चाई के कड़वे स्वाद को कुछ कम करतीं आईं हैं.