Saturday, 26 March 2016
Wednesday, 23 March 2016
होलिका दहन - Significance
“कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति”
श्री भगवान गीता में कहते हैं कि हे अर्जुन ये बात निश्चित जान ले कि मेरे भक्त का नाश नहीं होता.
होलिका दहन का उत्सव भी यही दर्शाता है कि सभी भूतों में एक श्री हरि को ही देखने वाले भक्त प्रह्लाद का उनके अहंकारी और अत्यंत शक्तिशाली पिता बाल भी बांका नहीं कर पाए.
सभी को होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं.
श्री भगवान गीता में कहते हैं कि हे अर्जुन ये बात निश्चित जान ले कि मेरे भक्त का नाश नहीं होता.
होलिका दहन का उत्सव भी यही दर्शाता है कि सभी भूतों में एक श्री हरि को ही देखने वाले भक्त प्रह्लाद का उनके अहंकारी और अत्यंत शक्तिशाली पिता बाल भी बांका नहीं कर पाए.
सभी को होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं.
Friday, 11 March 2016
Wednesday, 9 March 2016
पर फिर भी...
कल एक साधारण से दिल्ली के लड़के से बात हुई जो
अपनी एक छोटी सी दुकान चलता है. बोलने में उसे हकलाने की समस्या थी पर जो विचार
उसने हकलाते हुए हिंदी में मेरे सामने रखे वैसे विचार शायद फर्राटेदार अंग्रेजी
बोलने वालों के ‘बड़े दिमागों’ में आते तक नहीं होंगे.
उसने बताया कि वह एक गे है और कभी किसी लड़की से शादी
नहीं करेगा क्यूंकि वह अपना जीवन संवारने के लिए किसी निर्दोष इंसान की बलि नहीं
दे सकता. जीवन साथी मिले तो इससे बड़ी बात क्या होगी पर न भी मिले तो भी वह अपने इस
निर्णय पर अटल है.
डॉक्टरों, वकीलों, इन्जीनीरों और बाकी सब
प्रोफेशनल लोगों से कम पड़ा लिखा वह इंसान खड़ा खड़ा नंगा कर गया.
कौन नहीं चाहता कि उसका भविष्य अनिश्चितताओं से
परे हो, कौन नहीं चाहता कि उसे व्यर्थ में लोगों के चुभते हुए प्रश्नों से न उलझना
पड़े, कौन नहीं चाहता कि बिना प्रयास के उसको भी एक परिवार का सुख मिले? पर अक्सर
देखा गया है कि जिन लोगों को वे सभी साधन उपलब्ध है जिनसे वे भविष्य की अनिश्चितताओं
और लोगों के चुभते प्रश्नों से लड़ सकते है, थोड़ी भी असुविधा नहीं उठाना चाहते. या
शायद उनको अपनी झूठी प्रतिष्ठा इतनी प्यारी होती है कि उसे बचाने के लिए वे किसी
इंसान की बलि लेना भी अपराध नहीं समझते.
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