मुझे तो आज तक ये बात समझ नहीं आई कि “भोजन” पाने के लिए प्रयत्न बंद कर देने से कैसे भूख शांत हो जाती है...!!
माना कि यहाँ (गे लोगों के संसार में जो Facebook या अन्य जगहों पर दीख पड़ता है) काफी धोखे हैं, अधिकाँश को “संबंध” क्या होता है, इस बात की समझ नहीं है, जिनको समझ है उनके पास दिखने के लिए साहस नहीं आदि आदि... पर यह सब होते हुए भी आपके अंतःकरण में एक संबंध में होने की अथवा प्यार पाने की भूख तो वैसी की वैसी बनी रहती है न...? तब तंग आकर इसके लिए प्रयत्न बंद कर देने से क्या वह भूख शांत हो जायेगी...?
माना कि यहाँ (गे लोगों के संसार में जो Facebook या अन्य जगहों पर दीख पड़ता है) काफी धोखे हैं, अधिकाँश को “संबंध” क्या होता है, इस बात की समझ नहीं है, जिनको समझ है उनके पास दिखने के लिए साहस नहीं आदि आदि... पर यह सब होते हुए भी आपके अंतःकरण में एक संबंध में होने की अथवा प्यार पाने की भूख तो वैसी की वैसी बनी रहती है न...? तब तंग आकर इसके लिए प्रयत्न बंद कर देने से क्या वह भूख शांत हो जायेगी...?
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