Sunday, 4 December 2016

The Strange Custom of Love!

लिपटा है मेरे दिल से किसी राज़ की सूरत ,
वो शख्स के जिस को मेरा होना भी नहीं है ,
यह इश्क़-ओ-मोहब्बत की रिवायत भी अजब है ,
पाना भी नहीं है , उसे खोना भी नहीं है !!

दुनिया

ऐसे भी मोहब्बत की सजा देती है दुनिया ,
मर जाएँ तो जीने की दुआ देती है दुनिया ,
हम कौन से शहंशाह थे जो इलज़ाम न सहते ,
पत्थर को भगवान बना देती है दुनिया ,
मरने के लिए मजबूर तो करती है ये लेकिन ,
जीने के तरीके भी ये सिखा देती है दुनिया 
 

काश...!!

काश आ जाए मुझे जान से गुज़रते देखे ,
उसकी ख्वाहिश थी कभी मुझको बिखरते देखे ,
वो सलीके से हुआ मुझ से गुरेज़ाँ वरना ,
लोग तो साफ़ मोहब्बत से मुकरते देखे ,
तुम ने देखा है निकलता हुआ सूरज लोगो ,
तुमने कुछ ख्वाब सुहाने नहीं मरते देखे ,
वक़्त होता है हर इक ज़ख़्म का मरहम शायद ,
फिर भी कुछ ज़ख़्म थे ऐसे जो न भरते देखे

When I Look At You

देखकर तुमको सोचता हूँ मैं,
क्या किसी ने तुम्हे छुआ होगा

Together

Together I want to visit each mountain and each  beach  in the world.

Missing All Those  Innocent Kisses!

Missing All Those  Innocent Kisses!