सुना है कि हाल ही में सम्पन्न हुई Delhi Gay Pride Parade 2012 इस बार कुछ ज्यादा सफल नहीं रही। हो भी कैसे? अधिकांश Gays अशिक्षितों की तरह कुछ ना जानने का बहाना जो बनाये बैठे है। परेड के आयोजक भी Unfocused नज़र आते है। Newspapers और Internet पर देखे चित्रों में एक भी ऐसा नारा नहीं नज़र आया जिसमें असली हक़ की बात की गई हो, आखिरकार सभी को Delhi HC के Judgement के रूप में सबसे मनभावन चीज़ जो मिल गई है- यानी कि Legally Sex करने का हक !!!
~Prove That Gays Can Love Too.
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