जब 18-19 वर्ष की
आयु में किसी का प्यार पाने की कोई विशेष इच्छा नहीं थी (शायद नासमझी के कारण), तब
भी इतनी तो समझ थी कि गलती से भी मेरे कारण अकारण किसी का मन न दुखे.
पर हैरानी तब होती
है जब देखता हूँ कि स्वयं को “Mature” कहने वाले 25-26 वर्ष तक के लोग किसी को
प्यार का झूठा अहसास देकर, उसको अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए उपयोग करने से
बिल्कुल नहीं झिझकते. (एक दिन गे संबंधो की निरर्थकता बताकर पीछा छुडाने का उपाय उन्होंने
पहले ही सोच लिया होता है!)
शर्मनाक!
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