Friday, 15 March 2013

A Simple Question


Psalm 93:1: "Thou hast fixed the earth immovable and firm ..."

हम जानते है कि यह सच नहीं है, बाइबिल की कही एक बात गलत हो सकती है तो दूसरी भी हो सकती है। फिर क्यों लोग बाइबिल की गे विरोधी बातों को पत्थर की लकीर मान कर चलते है?

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