18 जनवरी
के Times of India में छपी एक
खबर ने मेरे
Gay Rights से
सम्बंधित एक डर को
और भी Real बना
दिया। पिछली एक
Post ("A Difficult Dream -Thursday, 3 January 2013") में मैंने इस
ओर पहले ही
संकेत किया था
कि किस तरह
एक Gay व्यक्ति के
लिए अपने partner के साथ
किसी बच्चे को
Adopt कर
पाना कानूनी रूप
से असंभव है।
Surrogate तरीके
से बच्चा पाने
का रास्ता भी
महंगा तथा कम
प्रचलित होने के कारण अधिकांश भारतीय Gays के लिए
कठिन है। ऊपर
से इसे लगभग
असंभव बनाने में
सरकार का भरपूर
योगदान है। अगर
कोई Gay-Couple इतने पर भी
इस तरीके को
अपनाता है तो
भी कानूनी रूप
से बच्चे का
पिता एक ही
Gay होगा।
खैर! खबर यह
है कि Union Home Ministry ने हाल
ही में एक 'Guideline' जारी की
है
जिसके अनुसार Single विदेशी व्यक्ति और
विदेशी Gay Couples भारत में आकर
Surrogate तरीके
से बच्चा पाने
के लिए Visa प्राप्त नहीं
कर सकते। केवल
विदेशी महिला और
पुरुष जो 2 साल
से विवाहित हैं
ART (Assisted Reproductive Technique) के द्वारा
बच्चा पाने के
लिए भारत आने
का Visa प्राप्त कर
सकते हैं।
जरा Assisted Reproductive
Technology (Regulation) Bill, 2010 के Section 32(1) पर भी गौर किया जाए।
"Subject to the provisions of this Act and
the rules and regulations made thereunder, assisted reproductive technology
shall be available to all persons including single persons, married couples and unmarried couples."
मतलब की ART, Single लोगों के लिए भी उपलब्ध होंगी।
Section 2(h) " “couple', means two persons living together and having a
sexual relationship that is legal in India"
क्या Gays के बीच की Sexual Relationship भारत में legal हैं? Technically अभी यह मामला अभी Supreme Court में विचाराधीन हैं। तो क्या विदेशी Gay Couples को भी इस Bill के अनुसार तब तक इंतज़ार करना होगा जब तक कि Supreme Court, Gays के बीच की Sexual Relationship को Legal होने का प्रमाण पत्र ना दे दे? शायद नहीं।
Section 2(v) “married couple”, means two
persons whose marriage is legal in the country / countries of which they
are citizens;"
यानि कि वे Gay Couples जो ऐसे किसी देश के नागरिक है जहाँ Gay Marriages कानूनी हैं, भारत आकर Surrogate तरीके से बच्चा पा सकते हैं।
सवाल यह है कि जब एक Bill में विदेशी Gays को बच्चा पाने की बात का प्रावधान सरकार ने रखा है तो Home Ministry ने ऐसी 'Guideline' क्यों जारी की? देखा जाये तो यह सरकार वैसे भी अनेको मुह वाले सर्प की तरह Gays को यदा कदा डसती रही है। चाहे वह Health Minister गुलाम नबी के द्वारा Homosexuality की तुलना किसी बीमारी से करने के रूप में हो या फिर सरकारी वकील के द्वारा Supreme Court में Gay Sex को एक नितांत घिनोने रूप में पेश करने का वाकया रहा हो, ज़हर उगला जाता रहा हैं।
चलिए, एक आशा की किरण भी दिखाई पड़ रही है। जहाँ तक ART Bill, 2010 के Section 35(2) की मेरी समझ कहती है, भविष्य में अगर Gay Sex को Supreme Court कानूनी घोषित कर देती है तो दो साथ रहने वाले Gays अपने आपको Section 2(h) के अनुसार Couple कह सकते हैं। चूँकि Gay Marriages का कोई प्रावधान कानून में नहीं है इसीलिए यह Gay Couple "Unmarried Couple" होगा। और तब Section 35(2) के अनुसार Surrogacy के द्वारा प्राप्त बच्चा दोनों का कहलाएगा।
"A child born to an unmarried couple
through the use of assisted reproductive technology, with the consent of
both the parties, shall be the legitimate child of both parties."
Section 35(2)
पर एक प्रश्न तब भी रह जाता है। क्या Gays इतने महत्वहीन लोग है कि उन्हें कानून के इतने तकनीकी पहलू की मदद लेनी होगी एक बच्चा पाने के लिए जिसके दो पिता हों?
Note: I am not an expert on the matters of
Surrogacy Laws in India. Whatever I a have concluded is on the basis of the
plain reading of the relevant sections of the proposed bill. If somebody more
informed, feels the need to correct me at any point, may please do so by
commenting their opinion with supporting facts.
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