Tuesday, 1 January 2013

A Letter To My Past


"A possible way to explain the absence of visitors from the future would be to say that the past is fixed because we have observed it and seen that it does not have the kind of warping needed to allow travel back from the future. On the other hand, the future is unknown and open, so it might well have the curvature required. This would mean that any time travel would be confined to the future. There would be no chance of Captain Kirk and the Starship Enterprise turning up at the present time."

(A Brief History of Time - Stephen Hawking - Chapter 10)

वैज्ञानिकों के अनुसार Albert Einstein के द्वारा बताई गई Special Theory of Relativity, समय यात्रा (Time Travel) को संभव मानती है हालाँकि वैज्ञानिको का एक बड़ा वर्ग यह भी मानता है कि समय यात्रा के लिए वर्तमान समय की तकनीकी पूरी तरह नाकाफी है। Physics ना जाने कब तक Time Travel के सिद्धांतो के बारे में बहस करती रहेगी, पर इससे मैं अपनी बीती हुई जिन्दगी को कुछ सन्देश देने से क्यों हिचकूं? माना कि Past को नहीं बदला जा सकता (कुछ हद तक Physics भी यह मान ही चुकी है) पर अक्सर मुझे जीवन एक बड़े Circle में घूमने जैसा जान पड़ता है, अतः मेरे Past को लिखा गया यह पत्र संभवतया मेरे भविष्य को कुछ न कुछ लाभ जरूर पहुंचा सकता है। इसी से यह छोटा सा पत्र  लिख रहा हूँ।

मेरे महत्वपूर्ण Past,
यहाँ मैंने तुम्हे प्रिय न कहकर महत्वपूर्ण कहना उचित समझा है। क्योंकि जहाँ तक मेरे मस्तिष्क मैं तुम्हारी यादें हैं, वहाँ प्रिय लगने वाले अवसर कम ही रहे है। पर बहुत सी महत्वपूर्ण घटनाएँ तुम्ही में घटित हुई है। बचपन की वे यादें जब तुम एक शर्मीले किस्म के बच्चे थे और तुम्हारा कोई भी आसानी से मजाक उड़ा जाया करता था, बहुत प्रिय तो नहीं पर महत्वपूर्ण जरूर है। क्योकि इसी से तुम्हे संसार की एक मूलभूत सच्चाई पता चली कि संसार में जीने के लिए तुम्हे अपने आपको कुछ हद तक बदलना होगा, कुछ हद तक तुम्हे अपने आपको इस योग्य बनाना होगा कि कम से कम कोई तुम्हारे मूँह पर हंसने का साहस न कर सके। मैं तुम्हारी इस विषय में प्रशंसा भी करता हूँ कि तुमने उपरी तौर पर संसार के द्वारा बनाये गए एक 16-17 साल के Straight लड़के के तौर तरीके अपनाते हुए भी अन्दर से अपने आप को नहीं बदला। नहीं तो कितने ही लोग अक्सर समाज के अनावश्यक दबाब के आगे अपने अन्दर की उन भावनाओं एवं अहसासों को जला डालते है जो उन्हें एक लड़के के लिए वैसे ही Feel करने के लिए उक्सातीं है जैसे कि अन्य लड़के लड़कियों के लिए अनुभव करते है। शायद अभी तक तुमको यह भी नहीं पता था कि इन Feelings के लिए समाज में एक नाम प्रचलित है- Gay! 

तुमको भी याद होगा कि जब तुमको यह पता चला था कि तुम्हारे जैसे और भी लोग होते हैं, तब तुमने एक सुकून की सांस जरूर ली थी, पर यह सुकून अधिक दिन तक नहीं ठहरा था। क्योंकि तब तुम उस आयु में प्रवेश कर चुके थे जिसमें सभी का शरीर और दिमाग अधिकांश समय Sex के बारे में ही क्रमश प्रतिक्रिया देना और सोचना चाहते है। मुझे आज भी बड़ा अफ़सोस है कि उस समय तुम नितान्त अकेले थे, तुम्हारे सभी Friends आपस में  लड़कियों के बारे में तरह तरह की बातें करके अपने मस्तिष्क का बोझ कुछ हल्का कर लिया करते थे, पर तुमको बस चुपचाप उस नीरस बातचीत को सुनना पड़ता था। जब तुम्हारे Friends एक दूसरे को Straights की विधा में Educate कर रहे होते थे, तुम्हारे मन के अधिकांश प्रश्न अनुतरित ही रह जाते थे। सबसे अधिक बुरी स्तिथि तो तब होती थी जब तुम्हारा कोई मित्र तुम्हारे कंधे पर सर रख लेता था या फिर बातों ही बातों में पींठ पर हाथ फेरने लगता था। उस समय तुम अक्सर सोचा करते थे कि क्या कहीं तुम ही तो असयमि नहीं हो! पर तुम्हारी सोच परिपक्व हो जाने पर तुम्हे पता चलेगा कि अगर तुम्हारे किसी Straight मित्र के साथ ठीक वैसा ही व्यवहार कोई मित्र लड़की करे, तो उसकी भी ठीक वही स्तिथि होगी।  

पर इसमें कोई दो राय नहीं है कि जिस समय तुम्हे मार्गदर्शन की सबसे अधिक आवश्यकता थी तब तुम उसे नहीं पा सके। शायद मार्गदर्शन का आभाव ही सबसे बड़ा कारण था कि तुम उस रास्ते पर चल पड़े जिससे तुम सबसे अधिक बचना चाहते थे। समय निश्चय ही बड़ा प्रबल होता है। तुमने कुछ ऐसे लोगों से मिलना शुरू किया जो तुम्हारी तरह की रूचि वाले जान पड़ते थे। साथ मिलकर एक दूसरे की शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना पहले पहल तो तुम्हे ठीक जांचा पर जल्द ही तुमको यह भी अहसास हो गया की तुम्हारी आवश्यकताएँ केवल शरीर तक ही सीमित नहीं है। तुम्हे शारीरिक आवश्यकताओं तक सीमित रहना पीड़ादायक लगने लगा। इन आवश्यकताओं के लिए हर बार किसी से मिलने का Guilt अब और अधिक स्थाई होता चला गया। तब तुमको एक और दुखद सच्चाई का पता चला कि किसी जीवन साथी को ढूंढने की अपेक्षा, शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किसी को ढूँढना कहीं अधिक आसान था। पर जो भी हो, तुम वापिस पीछे नहीं मुड़ सकते थे। पता नहीं क्यों, पर तुम्हारा यह निश्चय कि तुम जीवन भर अपने परिवार या किसी लड़की को धोके में रखने के बजाय, किसी अपनी जैसी सोच के लड़के के साथ एक संघर्षपूर्ण जीवन बिताना बेहतर समझोगे, दृढ  पर दृढ  होता चला गया। तुम्हारी पिछली गलती तुमको अवश्य पीड़ा दे रही थी, पर तुमको भविष्य में यह पता चलेगा कि शायद ईश्वर ने तुम्हारे मार्गदर्शन के लिए यह ही तरीका सोच रखा था। शायद इसी से तुम्हारा निश्चय इतना दृढ  हुआ कि सभी समस्याओं के बावजूद तुम अपना इरादा नहीं बदलोगे। शायद ऐसा किसी मार्गदर्शक के समझाने से नहीं हो सकता था, यह तुमको भविष्य में पता चलेगा।

किसी का मिलना और उस से आशा हो जाना कि यही वह व्यक्ति है जिसे तुम ढूँढ रहे थे, बहुत ही स्वाभाविक है पर जीवन विरोधाभासों से भरा पड़ा है। इसमें निराशा के क्षणों की भी भरमार है। पर तुम्हारी स्वाभाविक वृति ने तुमको आगे बड़ते रहने पर विवश रखा। इसका परिणाम क्या हुआ और यह कितना अधिक तुम्हारी इच्छा के अनुरूप हुआ, ना तो अभी मैं यह बताने में सक्षम हूँ और ना ही बताना चाहता हूँ। पर तुमको Compromise करना सीख लेना होगा। वैसे भी तुमको स्वयं यह पता चलेगा कि तुम्हारे कुछ निर्णय सफल नहीं  हो सकते थे। 

मुझे दुःख है कि मैं सुदूर भविष्य के बारे मैं नहीं जानता हूँ। इसी लिए यह नहीं कह सकता कि एक लड़के को जीवन साथी चुनने का निर्णय समाज में कब सामान्य तरीके से देखा जाएगा, मैं यह भी नहीं बता सकता कि कब तुम अपने जीवन साथी का हाथ पकड़ कर, बिना लोगों के कौतुहल का पात्र बने, स्वतंत्रता से घूम फिर सकोगे। पता नहीं कब तुम और तुम्हारे जैसे अन्य लोग बिना किसी विशेष प्रयासों के एक परिवार पा सकेगें। पर इतना धीरज तुमको जरूर देना चाहूँगा कि तुमने जो रास्ता चुना है उस पर अडिग रहो क्योंकि कम से कम तुम वह कर रहे हो जो तुम सही मानते और समझते हो। क्योंकि तुम उन लोगो से तो बेहतर ही हो जो कोई न कोई बहाना बना कर सरल दीख पड़ने वाले रास्ते पर चल पड़ते है।


                                                                                                                 ~Prove That Gays Can Love Too.




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