Thursday, 3 January 2013

A Difficult Dream

 मैंने कल रात एक अनापेक्षित सा सपना देखा। सपने में मैं एक 2-3 महीने के बच्चे के साथ था और उसको सुलाने की कोशिश कर रहा था। अचानक बच्चे ने अपने हाथ से कुछ चीज़ अपने मुँह में डाल ली जो उसके गले में फँस गई जिस कारण से उसे साँस लेने में परेशानी होने लगी और वह छटपटाने लगा। यह देखकर मैं बुरी तरह घबरा गया और आस पास के लोगों से कुछ करने के लिए कहने लगा, पर सभी इस बात को बहुत हलके तरीक से ले रहे थे जैसे कि इतने छोटे बच्चे के साथ यह सब होना कोई गंभीर बात न होती हो। पर मेरी बेचैनी बढती ही जा रही थी और इसी से मैंने ही उस नन्ही सी जान की पींठ सहलाई और उसका मुँह नीचे की ओर किया। ऐसा करने से उसके मुँह में फँसी वह चीज़ जो कि एक टॉफी थी बहार आ गई और इसके साथ ही बच्चे और मैंने चैन की साँस ली। पर इसके बाद जो हुआ वह एक सपने के दृष्टिकोण से और भी अधिक अनापेक्षित था। यह सब होने के बाद मैंने उस बच्चे को कसकर अपने गले से लगाया और ऐसे भावुक होकर रोने लगा जैसे वह मेरा ही बच्चा था। मैं सपने में सोच रहा था कि अगर उस बच्चे को कुछ हो जाता तो मैं क्या करता?  मुझे अपने परिवार और आसपास के लोगों पर गुस्सा भी आ रहा था कि वे इतनी बड़ी बात के लिए इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं।  

खैर फिर सपना टूट गया और मैं नींद से जाग गया। जागने के बाद कुछ दूसरे ही विचार मेरे मन में आने लगे। ये विचार जागृत जगत की सच्चाई से अधिक वास्ता रखते थे। जागते ही पहला विचार जो मेरे मन में आया वह मेरे Gay होने का था, वो भी ऐसा Gay जो यह तय कर चुका है कि चाहे जो भी हो वह अपनी सच्चाई संसार से छुपाने के लिए किसी लड़की से शादी नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन के साथ खेलने जैसा होगा। दूसरा विचार जो मेरे मन को और भी कचोट गया वह हमारे समाज की एक ऐसी सच्चाई से सम्बंधित था जिसके बारे में अधिकाँश Gays नहीं जानते है। दुर्भाग्य से हमारा देश अभी इतना समझदार नहीं हुआ है कि एक Gay Couple को किसी Straight Couple की तरह वैधानिक मान्यता प्रदान करे, इस कारण से मेरा अपने Gay-Partner के साथ किसी बच्चे को Adopt करने का सपना तो निकट भविष्य में साकार नहीं हो सकता और इसमें कोई दो राय भी नहीं है, साथ ही साथ अगर मैं एक 'Single-Man' की तरह भी किसी बच्चे को Adopt करना चाहूँ तो उसमें भी कई अडचने है। कानूनी तौर पर मैं केवल 4 वर्ष से अधिक आयु के किसी लड़के को ही Adopt कर सकता हूँ। इसपर भी हमारे देश में एक प्रचलित Norm है जिसके अनुसार एक Single-Man को साधारणतः Adoption के योग्य नहीं समझा जाता। उस पर भी मेरी ज़िद है कि अगर मैं Single नहीं हूँ तो मुझे अपने आपको Single दिखाकर धोके से अपने बच्चे को Adopt नहीं करना। मैं अपने परिवार को किसी धोके के आधार पर शुरू नहीं करना चाहूँगा। अगर 28 सितम्बर 2011 को Times of India में छपी खबर को सही माने तो The Ministry of Women and Child Development, अविवाहित पुरुषो के लिए Adoption की प्रक्रिया को और अधिक  कड़ा  बनाने की सोच रही है। ऐसे में मुझे नहीं पता कि मेरे जैसे कितने Gay Men भविष्य में किसी बच्चे को Adopt कर पाएंगे। कुछ की राय है कि एक ही Rule सबके लिए बनाने के बजाय हर Adoption को case-to-case basis पर विचारा जाये। पर यह सब विचारेगा कौन? जब सरकार की तरफ से Supreme Court में दलीलें देने वाले वकील तक Gays के विषय में घिनोनी राय रखते है तो छोटी मोटी Adoption Agencies के साधारण कर्मचारी एक Gay को किस दृष्टि से देखेंगे इसका अंदाजा कोई भी आसानी से लगा सकता है। यह सब बताने का मेरा उद्देश्य इतना ही है कि जब तक Gays को 'as a couple' किसी बच्चे को Adopt करने का अधिकार नहीं दिया जाता, उनके लिए यह एक 'Distant Dream' ही बन कर रहेगा। (अपवाद बेशक हो सकते हैं।)

हमारे देश के लोगो का एक बड़ा गुण रहा है कि दूसरों को जिस बात के लिए सीख देते आये है वह स्वयं आचरण में नहीं लाये। यही कारण है कि विदेशी Gay Couples को Surrogate Mothers उपलब्ध करवाने वाले देश में यहीं के नागरिक Gay Couples के लिए Surrogate तरीके से साथ साथ एक बच्चे को पाना कानूनी नहीं है। इस तरह से प्राप्त बच्चे का अभिवावक मात्र एक ही होगा दूसरे शब्दों में अगर आप और आपका Gay साथी Surrogate तरीके से आप दोनों का बच्चा चाहते हैं तो भी उस बच्चे का कानूनी रूप से एक ही पिता होगा (जो कि donor partner ही हो सकता है क्योंकि भावी अभिवावक बच्चे से Biologically सम्बंधित होना चाहिए)। भारत के Standards से surrogate तरीके से बच्चा पाने की तकनीक महंगी भी बहुत है, हो सकता है मैं भविष्य में इसे afford कर सकूँ, पर उन Gay  लोगों का क्या जो जीवन के उस पड़ाव पर है जहाँ वे अपना एक बच्चा पाने में और अधिक देर नहीं कर सकते, पर साथ ही साथ Financially इतने सक्षम भी नहीं है कि Surrogate तकनीक अपनाये।

जो भी हो इसमें संदेह नहीं है कि हमारे देश और यहाँ के भाग्यविधाताओं ने Gays का जीवन हर संभव तरीके से दूभर बनाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी है। यही कारण है कि Gays को साथ साथ ना तो एक बच्चे को Adopt करने का अधिकार है और नहीं ही Surrogate तरीके को प्रयोंग में लाने का। अगर आपसी समझ से उनमें से कोई एक ऐसा करने का साहस भी  करता  है तो उसको अपनी 'Gay Identity' समाज और कानून से छुपानी होगी और कानूनी रूप से उसके साथी का उस बच्चे पर कोई अधिकार नहीं होगा।  

इन सब सच्चाईओ को जानने के बाद भी उस सपने का आना अनापेक्षित और आश्चर्यजनक नहीं था तो और क्या था? 

वैसे सपने होते भी किस लिए हैं।

                                                                                                    ~Prove That Gays Can Love Too.

उस तश्नालब की नींद न टूटे, खु़दा करे
जिस तश्नालब को ख़्वाब में दरिया दिखाई दे 
~कृष्ण बिहारी 'नूर'

May God, the one who being thirsty sees a river in his dream, be always remain asleep. 



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