सर्वं परवशं दु:खं सर्वम् आत्मवशं सुखम् |
अर्थ : वह सब जो दूसरे के वश में है, दुःख है ... और वह सब जो अपने वश में है, सुख है.
वे गे लोग जो एक लड़की से शादी करने जा रहे हैं एक बार सोचें कि क्या यह वे अपनी स्वयं की इच्छा से कर रहे है ... अगर नहीं ... तो क्यूँ जीवन पर्यंत चलने वाली पीड़ा को आमंत्रण दे रहे है?
~ Prove That Gays Can Love Too.
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