Monday, 1 April 2013

एक हास्यास्पद बात


यह बात तो सब गेस को पता ही है (चाहें वे इसे सबके सामने स्वीकारें या नहीं) कि वे एक जीवन साथी चाहते है। पर अधिकांश इसके लिए प्रयत्न नहीं करते यह भी आप सब को पता होगा। पर कुछ गेस ऐसे भी हैं जो एक संबंध बना तो लेते है पर उसका क्या अंजाम होगा इस बारे में नहीं सोचते या कहा जाये कि सोचना ही नहीं चाहते। 

ऐसा कौन सा गे व्यक्ति है हमारे देश में जिसके लिए अपने परिवार को अपनी सच्चाई बताना और इसके लिए उन्हें मनाना आसान हो? तब अगर कोई सच्चाई के साथ शुरू किये गए संबंध को निभाना चाहता है तो क्या उसे नहीं पता कि इसके लिए उसे एक दिन अपने माता पिता को नाखुश करना ही होगा? क्या यह संबंध केवल सुविधाजनक परिस्तिथियों के लिए ही बनाया गया था?

क्षमा कीजिये, पर अधिकांश गे लोग इन सब बातों के बारे में सोचे बिना ही एक संबंध बनाते हैं और फिर इस बात की शिकायत करते है कि - गे संबंध बनते ही टूटने के लिए हैं। हास्यास्पद! 

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