अगर आप एक गे व्यक्ति हैं और भविष्य में एक पुरुष के साथ जीवन व्यतीत करने के सपने देखते हैं तो निश्चय ही आपने एक कठिन मार्ग का चयन किया है। कितने ही व्यक्ति ऐसे हैं जो इन सब बातों को असंभव मानकर, सोचने और कुछ करने से पहले ही हार मानकर बैठ जाते हैं। पर यह भी जरूरी नहीं है कि जो इस मार्ग पर चल दिए हों वे अपनी मंजिल पा ही लें। अक्सर दो पुरुष एक दूसरे से सम्बन्ध बनाने के लिए जब आगे बड़ते है तो वे उतने सतर्क होते नहीं हैं जितना कि उन्हें होना चाहिए। इसी कारण परिणाम भी कुछ और ही निकलता है।
बेहतर है कि जब आप एक रिश्ता बनाने के लिए आगे बड़ रहे हों तो थोड़ी सतर्कता बरतें। सतर्कता बरतने का यह मतलब नहीं है कि आप सामने वाले व्यक्ति पर शक कर रहे है कि उसके मन में कुछ और ही चल रहा है, न ही ऐसा करना आपके मार्ग की अड़चन साबित होगा। हाँ, इतना जरूर है कि ऐसा करने से आप एक गलत व्यक्ति के साथ अपने समय और भावनाओं को व्यर्थ नष्ट करने से होने वाली पीड़ा से जरूर बच जायेंगे।
कुछ एक प्रश्न यदि स्वयं से किए जाएँ तो आपको पता चल जाएगा कि क्या आप वर्तमान शिष्टाचार को एक 'सम्बन्ध' का नाम दे सकते हैं या नहीं।
- क्या आपने उससे स्पष्ट रूप से पूंछा है कि क्या वह अपने आपको एक गे मानता है, और यदि हाँ, तो क्या भविष्य में वह एक लड़के के ही साथ ठीक उसी प्रकार का जीवन बिताना चाहता है जैसा कि एक सामान्य स्ट्रैट जोड़ा बिताता है? (कई लोग खुद को गे मानने के बावजूद एक लड़की से शादी करने को एक आवश्यक मजबूरी समझते हैं, ऐसे लोग आपके न केवल किसी काम के हैं बल्कि इन्ही से आपको सबसे बड़ा खतरा भी है।)
- अगर वह ठीक वैसा ही जीवन बिताना चाहता है जैसा कि आप चाहते हैं तो आपका अगला प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या वह इस सपने को सच्चाई में बदलने का पर्याप्त हौंसला रखता है। इस विषय में कुछ के तीखे लगने वाले प्रश्न करने चाहिए, जैसे कि वह कब अपने माता-पिता को इस बारे में बताएगा और कैसे वह उनको समझाएगा कि वह एक लड़के के साथ ही जीवन बिताना चाहता है और वह उस स्तिथि में क्या करेगा अगर उसके घरवाले इस बारे में किसी भी तरह राज़ी नहीं होते। (अधिकांश लोग जिन्होंने इस विषय में नहीं सोचा होता और ऐसा करने का एक गंभीर विचार नहीं रखते है या तो इन बातों का कोई जवाब नहीं दे पाते या फिर ऐसा जवाब देते है जिससे उनके गंभीरता रहित रुख को वहीँ पकड़ा जा सकता है।)
- यदि उपरोक्त दो प्रश्नों के जवाब आपको यथोचित मिल गए है तो आप इस नए सम्बन्ध में आगे जा सकते हैं। यहाँ इस बात को साफ़ किया जाना आवश्यक है कि न तो इस बात का महत्व है कि वह कब और कैसे अपने माता-पिता को अपने बारे में बताएगा और न ही इस बात का कि आप दोनों कब साथ साथ रहना शुरू करेंगे। सबसे बड़ी बात परस्पर विश्वास है और अगर आपको एक दूसरे पर पूरा विश्वास और प्यार है तो 'कब' 'कैसे' जैसी बातें अधिक मायने नहीं रखेंगी क्योंकि आपको पता होगा कि आपकी ख़ुशी के लिए आपका जीवनसाथी कुछ भी करेगा।
- कई बार सभी बातों का ध्यान रखने के बावजूद भी आपका चुनाव सही साबित नहीं होता और आपका जीवनसाथी आपको अपने मूल सिद्धांतों से समझोता करने के लिए उकसाता है और इससे भी अधिक चिंताजनक स्तिथि में अपने हाथ यह कहते हुए खड़े कर देता है कि 'मैं अपने घर परिवार के विरुद्ध नहीं जा सकता!" चाहें यह बात कितनी ही दुखद क्यों न हो पर ऐसे में आपको इस बात का तो संतोष होता है कि इस सब में आपका कोई दोष नहीं है। आपने तो सभी सावधानियाँ बरतीं पर सामने वाला व्यक्ति अगर धोखा देने पर ही उतर आये तो भला कोई क्या कर सकता है। इस कड़वी सच्चाई को गले के नीचे जितनी जल्दी उतार लें उतना ही अच्छा है और आगे बड़ते रहने की ध्रुव सच्चाई को जितनी जल्दी हो स्वीकार कर लें।
बड़ी बात यह है कि आप जानते बूझते हुए भूल न करें। इस सिद्धांत को माने कि 'एक गे सम्बन्ध किसी स्ट्रैट सम्बन्ध से बहुत अधिक अलग नहीं है', अतः आप न तो ऐसा सम्बन्ध जोड़ते हुए लापरवाह हो सकते है और न ही सम्बन्ध जोड़ने के बाद इससे उदासीन।
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