पिछले दो दिनों में मिली इन दो ख़बरों ने दो विरोधी भावों को जन्म दिया है।
पहली खबर फ्रांस से है जहाँ अनेकों विरोधी प्रयासों के बावजूद 'मानव-मात्र' के प्यार करने के जन्मसिद्ध अधिकार को कानूनी मान्यता प्रदान होने के बाद पहला गे विवाह संपन्न हुआ।
दूसरी खबर ऋतुपर्णो घोष के आकस्मिक निधन की थी। मन को यह जानकार धक्का सा लगा कि भारतीय लोगो के सामने गे-भावनाओं और प्यार का सटीक और सम्मानजनक चित्रण करने वाला शख्स यूँ अचानक चला गया। 'Memories In March' में यह काम उन्होंने अकेले ही बिना एक भी 'गे-सीन'दिखाए किया है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
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