देखा जाए तो Facebook के कुख्यात Sex-Seekers अपने काम को कहीं अधिक दृढ निश्चय के साथ करते है, जबकि दूसरी ओर 'सच्चा प्यार' ढूढने वाले अक्सर जल्द ही थककर बैठ जाते है. जब अपने 'काम' में रोज़-रोज़ की अडचनों, प्रस्ताव ठुकराए जाने और कितने ही विरोधी लोगों की गालियाँ सुनने पर भी, ये लोग आपने 'काम' को बिना थके, बिना हतोत्साहित हुए करते रहते है तो 'सच्चा प्यार' खोजने वाले थोड़ी सी परेशानियों और अडचनों के कारण अपने प्रयासों को विराम क्यों दे देते है?
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