Wednesday, 24 July 2013

"अचानक" हुआ अहसास

जब भी किसी Gay Friend को किसी विफ़ल हो चुके या विफल होने वाले 'सम्बन्ध' के पीछे सब कुछ जानते हुए भी भागता देखता हूँ तो अधिक हस्तक्षेप न कर पाने योग्य स्वयं की स्तिथि से झुंझलाहट होती है। पीड़ा तब और भी बड़ जाती है जब सम्बन्ध टूटने की वजह होती है- दोनों में से किसी एक को "अचानक" हुआ अहसास की समाज इस रिश्ते को स्वीकार नहीं करेगा।  

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